वुज़ू के बाद हर शख़्श ये कलिमा जरूर पढ़े ।
हज़रत अबू सईद ख़ुदरी रदियल्लाहु तआला अन्हू से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (ﷺ) ने इर्शाद फ़रमाया : जो शख़्स वुज़ू के बाद
(सुब्हा - न - कल्लाहुम - म व बिहम्दि - क ला इला - ह इल्ला अन - त अस्तग़्फ़िरु - क व अतूबु अलैक०)
पढ़ता है तो उन कलिमों को एक काग़ज़ पर लिखकर उस पर मुहर लगा दी जाती है जो क़ियामत तक नहीं तोड़ी जाएगी , यानी उसके सवाब को आख़िरत के लिए ज़ख़ीरा कर दिया जाएगा ।
(मुस्तदरक हाकिम)