अल्लाह भी उससे अपनी तवज्जोह हटा लेते हैं ।
हज़रत अबूज़र रदियल्लाहु तआला अन्हू रिवायत करते हैं कि रसूलुल्लाह (ﷺ) ने इर्शाद फ़रमाया : अल्लाह तआला बन्दे की तरफ़ उस वक़्त तक तवज्जोह फ़रमाते हैं , जब तक वह नमाज़ में किसी और तरफ़ मुतवज्जह न हो । जब बन्दा अपनी तवज्जोह नमाज़ से हटा लेता है , तो अल्लाह तआला भी उससे अपनी तवज्जोह हटा लेते हैं ।
(नसाई)