Hadith Of The Day 39
शबे मेअराज नबीये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बैतुल मक़दिस में तमाम रसूलों की इमामत फ़रमाई. यह कौन सी नमाज़ थी इसमें उलमा के दो क़ौल हैं. कुछ उलमा फ़रमाते हैं कि यह नमाज़ अर्श की तरफ़ परवाज़ करने से पहले बैतुल मक़दिस में पढ़ाई, उस सूरत में यह इशा की नमाज़ हुई. कुछ उलमा का क़ौल है कि सैय्यिदु अंबिया ने सफ़रे मेअराज से वापसी पर यह नमाज़ पढ़ाई. उस सूरत में यह फ़ज़ की नमाज़ हुई. कुछ उलमा कहते हैं कि हुज़ूर ने मेअराज को जाते वक़्त और वहाँ से वापसी पर, दोनों वक़्त इमामत फ़रमाई.