कुरआन शरीफ़ पढ़ने वालों का मक़ाम क्या होगा ?

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 कुरआन शरीफ़ पढ़ने वालों का मक़ाम क्या होगा ?



हजरत अब्दुल्लाह बिन अम्र रदियल्लाहु तआला अन्हू से रिवायत है कि नबी करीम (ﷺ) ने इर्शाद फ़रमाया : (क़ियामत के दिन) साहबे कुरआन से कहा जाएगा : कुरआन शरीफ़ पढ़ता जा और जन्नत के दर्जों पर चढ़ता जा और ठहर ठहर कर पढ़ , जैसा कि तू दुनिया में ठहर-ठहर कर पढ़ा करता था, बस तेरा मक़ाम वही होगा जहां तेरी आख़िरी आयत की तिलावत ख़त्म होगी ।

(तिर्मिज़ी) 


फ़ायदा : साहबे क़ुरआन से हाफ़िज़े क़ुरआन या कसरत से तिलावत करने वाला या कुरआन करीम पर तदब्बुर के साथ अमल करने वाला मुराद है । 

(तैय्यिबी , मिरक़ात)

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