रमज़ान का पहला अशराह।
पहली अशराह में पढ़ी जानी वाली दुआ
"रब्बिग्फ़िर वरहम व अन्ता खैयरूंर राहिमीन"
(ऐ मेरे रब मुझे बख्श दीजिए, और मुझ पर रहम फरमाईए, आप बहतरीन रहम फरमाने वाले है।)
रमज़ान का पहला ‘अशराह यानी शुरू के दस (10) दिन अल्लाह रब्बुल ‘इज़्ज़त की रहमत का होता है। इस अशराह में खुसुसी इबादत करते हुए अल्लाह पाक की रहमत माँगी जाती है। अल्लाह जल्ला जलालूहू के इबादत गुज़ार बंदे अल्लाह पाक से अल्लाह पाक के रहम की भीख माँगते है।