जो शख़्स किसी रात नमाज़ में ।
हज़रत अबू हुरैरह रदियल्लाहु तआला अन्हू से रिवायत है कि नबी करीम (ﷺ) ने इर्शाद फ़रमाया :
जो शख़्स किसी रात नमाज़ में सौ आयतें पढ़ लेता है , वह उस रात अल्लाह तआला की इबादत से ग़ाफ़िल रहने वालों में शुमार नहीं होता और जो शख़्स किसी रात नमाज़ में दो सौ आयतें पढ़ लेता है , वह उस रात मुख़्लिस इबादतगुज़ारों में शुमार होता है ।
(मुस्तदरक हाकिम)