क्या तुमको जन्नत जाना पसन्द है ?
हज़रत ख़ालिद बिन अब्दुल्लाह क़ुसरी रहमतुल्लाह अलैह अपने वालिद से और वह अपने दादा से नक़ल करते हैं :
कि उनसे रसूलुल्लाह (ﷺ) ने दरयाफ्त फ़रमाया : क्या तुमको जन्नत पसन्द है यानी क्या तुम जन्नत में जाना पसन्द करते हो ? मैंने अर्ज किया : जी हां ! इर्शाद फ़रमाया : अपने भाई के लिए वही पसन्द करो जो अपने लिए पसन्द करते हो ।
(मुस्नद अहमद)