ऐसे लोग अर्श के साये में होंगे ?
हजरत मुआज़ रदियल्लाहु तआला अन्हू फ़रमाते हैं कि मैंने रसूलुल्लाह (ﷺ) को यह इर्शाद फ़रमाते हुए सुना : अल्लाह तआला की रजा व ख़ुशनूदी के लिए आपस में एक दूसरे से मुहब्बत करने वाले अर्श के साये में होंगे , जिस दिन अर्श के साए के अलावा कोई साया न होगा । अम्बिया और शुहदा उनके ख़ास मर्तबा और मक़ाम की वजह से उन पर रश्क करेंगे ।
(इब्ने हब्बान)