इमाम शअबी ने फ़रमाया कि बिअसते अक़दस के शुरू के तीन साल
इमाम शअबी ने फ़रमाया कि बिअसते अक़दस के शुरू के तीन साल हज़रत इस्राफ़ील अलैहिस्सलाम वही लाने की ख़िदमत पर मामूर थे फिर यह ख़िदमत हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम को सौंपी गई . उन्हीं की विसातत से पूरा कुरआन नाज़िल हुआ.
( बुख़ारी, मुस्लिम, तिरमिज़ी, मुअत्ता इमाम मालिक, मुस्नदे इमाम अहमद)